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Lahasuniya (Cat’s Eye)- 8.78 Carat (9.63 Ratti)

5,100.00

Weight (Carat): 8.78

Weight (Ratti): 9.63

Shape: Oval

Cut: cabochon

Certificate: Yes

Composition: Natural

Certificate Number: 425829

Origin : Srilanka

SKU: MOR-LA-1506 Categories:

Lahasuniya (Cat’s Eye): The Gem of Ketu in Vedic Astrology

Lahasuniya, also known as Cat’s Eye, is a striking gemstone renowned for its unique optical effect resembling a cat’s eye, called “chatoyancy.” This rare and mystical gemstone belongs to the chrysoberyl mineral family and is associated with the shadow planet Ketu in Vedic astrology. Lahasuniya is revered for its ability to bring protection, spiritual growth, and liberation from past karma.

Astrological Significance of Lahasuniya
In Vedic astrology, Ketu symbolizes detachment, spiritual enlightenment, and karmic release. Lahasuniya strengthens the positive influence of Ketu, helping individuals overcome obstacles, gain clarity, and achieve success in challenging situations. It is considered a transformative gemstone, ideal for those pursuing spiritual growth and protection from negative energies.

Benefits of Wearing Lahasuniya
Protection from Negativity: Lahasuniya acts as a shield against evil energies, psychic attacks, and misfortune.
Karmic Cleansing: It aids in resolving past karmic debts and accelerates spiritual evolution.
Mental Clarity: Lahasuniya enhances focus, intuition, and decision-making skills, especially during difficult times.
Health Benefits: It is believed to support recovery from chronic illnesses, improve eyesight, and strengthen the immune system.
Wealth and Prosperity: Lahasuniya promotes financial stability and protects against unexpected losses or fraud.
How to Wear Lahasuniya According to Vedic Astrology
Day to Wear: Lahasuniya should be worn on Thursday, the day dedicated to Ketu.
Finger: Wear it on the middle finger of the right hand for maximum astrological benefits.
Metal: Set Lahasuniya in a gold or panchdhatu (five-metal alloy) ring to enhance its energy.
Mantra for Wearing: Energize the gemstone by chanting the Ketu mantra “Om Kem Ketave Namah” 108 times before wearing.
Purification Process: Cleanse Lahasuniya by dipping it in raw milk, honey, and Ganga water for a few minutes. Wear it during the early morning hours of Thursday, preferably in the shukla paksha (waxing moon phase).
Who Should Wear Lahasuniya?
Lahasuniya is highly recommended for individuals with a weak or afflicted Ketu in their birth chart. It is especially beneficial for people undergoing Ketu mahadasha or antardasha (major or minor planetary periods). Those born under the zodiac signs Scorpio and Sagittarius may also benefit from wearing Lahasuniya.

It is an ideal choice for individuals seeking spiritual progress, protection, and relief from unexplained fears or problems. Consulting an astrologer is always advisable to ensure compatibility with your planetary alignments.

लहसुनिया (कैट्स आई): वैदिक ज्योतिष में केतु का रत्न

लहसुनिया, जिसे कैट्स आई भी कहा जाता है, एक अद्वितीय रत्न है जो अपनी “चटोयेंसी” नामक विशेष प्रकाश प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है, जो बिल्ली की आँख की तरह प्रतीत होता है। यह दुर्लभ और रहस्यमय रत्न क्राइसोबेरिल खनिज परिवार से संबंधित है और वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह से जुड़ा हुआ है। लहसुनिया को सुरक्षा, आध्यात्मिक विकास, और पिछले कर्मों से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है।

लहसुनिया का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष में केतु वैराग्य, आध्यात्मिक ज्ञान, और कर्मों की मुक्ति का प्रतीक है। लहसुनिया केतु के सकारात्मक प्रभावों को मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति बाधाओं को दूर कर सकता है, स्पष्टता प्राप्त कर सकता है, और कठिन परिस्थितियों में सफलता पा सकता है। यह एक परिवर्तनकारी रत्न है, जो आध्यात्मिक विकास और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा की तलाश करने वालों के लिए आदर्श है।

लहसुनिया पहनने के लाभ
नकारात्मकता से सुरक्षा: लहसुनिया बुरी ऊर्जाओं, मानसिक हमलों, और दुर्भाग्य से बचाने के लिए एक ढाल की तरह कार्य करता है।
कर्मों की शुद्धि: यह पिछले कर्मों के ऋणों को सुलझाने और आध्यात्मिक विकास में तेजी लाने में सहायक है।
मानसिक स्पष्टता: लहसुनिया ध्यान, अंतर्ज्ञान, और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है, विशेष रूप से कठिन समय में।
स्वास्थ्य लाभ: यह दीर्घकालिक बीमारियों से उबरने, दृष्टि सुधारने, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
धन और समृद्धि: लहसुनिया आर्थिक स्थिरता लाने और अप्रत्याशित नुकसान या धोखाधड़ी से बचाने में सहायक है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार लहसुनिया कैसे पहनें
पहनने का दिन: लहसुनिया को गुरुवार के दिन पहनना चाहिए, जो केतु का दिन है।
उंगली: इसे दाहिने हाथ की मध्यमा (मध्य उंगली) में पहनना चाहिए।
धातु: लहसुनिया को सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाना चाहिए ताकि इसकी ऊर्जा बढ़ सके।
मंत्र: इसे पहनने से पहले केतु मंत्र “ॐ कें केतवे नमः” 108 बार जपें ताकि रत्न में ऊर्जा भरी जा सके।
शुद्धिकरण प्रक्रिया: लहसुनिया को कच्चे दूध, शहद, और गंगाजल के मिश्रण में कुछ मिनट के लिए डुबोकर शुद्ध करें। इसे गुरुवार की सुबह, विशेष रूप से शुक्ल पक्ष में पहनें।
कौन पहन सकता है लहसुनिया?
लहसुनिया उन लोगों के लिए अत्यधिक अनुशंसित है जिनकी कुंडली में केतु कमजोर या अशुभ स्थिति में है। यह केतु की महादशा या अंतरदशा से गुजर रहे लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। वृश्चिक और धनु राशि के जातक भी लहसुनिया पहनने से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो आध्यात्मिक प्रगति, सुरक्षा, और अनजाने भय या समस्याओं से राहत की तलाश में हैं। अपने ग्रहों की स्थिति के अनुसार इसकी उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।

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